धान में खरपतवार के लिए कौन सी दवा डालें : जैसा की आप सभी जानते है धान रोपाई के बाद हर कार्य को बड़े ही सावधानी से करना होता है। जैसे सही समय पर खाद एवं कीटनाशक का छिड़काव करना और निराई गुड़ाई करना पड़ता है तभी आप धान के पैदावार को बढ़ा सकते है। इसके बावजूद भी खेत में इतने खरपतवार हो जाते है कि निराई गुड़ाई करना मुश्किल हो जाते है। इसलिए हम आप लोगो को खरपतवार को नियंत्रण करने का बहुत ही आसान तरीका बताते है जानने के लिए इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े।
अगर धान रोपाई या बुवाई के बाद खेत पूरा सूख जाते है तो तरह तरह के खरपतवार उगने लगते है जिससे निराई गुड़ाई कराने के लिए बहुत ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता है। और समय में मजदूर नहीं मिलते है जिसके कारण फसल जल्दी तैयार नहीं हो पाते है। लेकिन आप सभी प्रकार के खरपतवार को एक दिन में खत्म कर सकते है या खरपतवार उगने से पहले भी छिड़काव कर सकते है। तो आइये ज्यादा समय नहीं लेते है और खरपतवार के लिए कौन सा दवा डालना चाहिए सभी प्रकार के दवा का नाम एवं मात्रा को विस्तार से बताते है।
धान में खरपतवार के लिए कौन सी दवा डालें ?
खरपतवार को नियंत्रण करने के कई आसान तरीके है अगर आप इस तकनीक को अपनाते है तो खरपतवार नाशक दवा डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
खेत की गहरी जुताई
- रबी फसल के कटाई के बाद खेत गहरे तक कम से कम 2 बार जुताई करना चाहिए इससे खरपतवार के बीज नहीं उगते है याद रहे जुताई के समय धूप होना चाहिए तभी आप खरपतवार पर नियंत्रण पा सकेंगे। इसके अलावा धान रोपाई से पहले खरपतवार जब उगते है उस समय खेत में पानी भरकर जुताई करके खरपतवार पर नियंत्रण पा सकते है।
मिश्रण खेती करके
- किसान को हमेशा एक ही खेत में रबी फसल एवं खरीफ फसल में धान धान नहीं लगाना चाहिए इससे खरपतवार जटिल हो जाते है। और खेत की उपजाऊ शक्ति कम होने लगते है इसलिए खेत में गेहूं , चना , सरसो , मसूर ऐसे कई प्रकार की खेती करना चाहिए ऐसा करने से खेत की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है। और खरपतवार पर भी नियंत्रण पा सकते है इसलिए मिश्रण खेती करना बहुत ही जरूरी होता है।
जल सिंचाई प्रबंधन
- धान रोपाई के बाद खेत को इतना सूखा नहीं करना चाहिए खेत फटने लगे इससे खरपतवार जटिल हो जाते है फिर खरपतवार पर नियंत्रण पाना मुश्किल हो जाते है। और खेत में खरपरवार नाशक दवा डालना आवश्यक हो जाते है इसलिए खेत को धान रोपाई के बाद पूरा सूखने नहीं देना चाहिए। तो आप इस प्रकार बिना दवा डालकर खरपतवार पर नियंत्रण पा सकते है। और नीचे में खरपतवार नाशक दवा को डालने का पूरा तरीका बताया गया है।
खरपतवार नाशक दवा डालने का नियम एवं समय
खरपतवार नाशक दवा के नाम | दवा के मात्रा | प्रयोग के समय | नियंत्रित खरपतवार |
ब्यूटाक्लोर (मिचेटी) | 1500-2000 | रोपाई के 4 -5 दिन बाद | घास जाति के खरपतवार |
एनीलोफास (एनीलोगार्ड) | 400-500 | ——– | घास एवं मोथा जाति के खरपतवार |
बैन्थियोकार्ब (सैटनी) | 1000 -1500 | ——– | घास खरपतवार |
पेंडीमेथलिन (स्टाम्प) | 1000 -1500 | ——– | घास मोथा एवं चौड़ी पत्ती के खरपतवार |
2, 4-डी (नाकवीड | 500 -1000 | बुवाई रोपाई के 20 -25 दिनों बाद | चौड़ी पत्ती खरपतवार के लिए |
फेनाक्जाप्राप इथाईल (व्हिपसुपर) | 60 -70 | बुवाई रोपाई के 20 -25 दिनों बाद | सकरी पत्ती खरपतवार के लिए |
क्लोरिभ्युरान + मेटसल्फयूरान (ऑलमिक्स) | 5 | बुवाई रोपाई के 20 -25 दिनों बाद | चौड़ी पत्ती एवं मोथा जाति खरपतवार के लिए |
प्रेटिलाक्लोर (रिफिट) | 750 -1000 | ————- | —————– |
आक्सीफलोरफेन (गोल) | 150 -250 | ————- | —————– |
सारांश :
धान में खरपतवार नियंत्रण करने के लिए आप खेत की गहरी जुताई करके खरपतवार पर नियंत्रण पा सकते है या खेत में मिश्रण खेती करके खरपतवार पर आसानी से नियंत्रण पा सकते है। और खेत की उपजाऊ शक्ति को बढ़ा सकते है क्योकि खरपतवार नाशक दवा डालने से कभी कभी फसल भी नुकसान हो जाते है इसलिए यहाँ बताये गए तरीके से ही खरपतवार नाशक दवा का छिड़काव करे।
2023 में धान का समर्थन मूल्य कितना होगा
धान की फसल में जिंक का प्रयोग कब करें
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
एक ही खेत में कई प्रकार के फसल लगाते है उसे मिश्रण खेती कहते है इससे किसानों को कई प्रकार के लाभ मिलते है। जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है एवं खरपतवार पर नियंत्रण आसानी से पाया जा सकते है।
जिस प्रकार के खरपतवार होते है उसके अनुसार धान रोपाई के 4 -5 दिनों बाद एवं धान रोपाई के 20 -25 दिनों बाद खरपतवार नाशक दवा को डाला जाता है।
धान रोपाई के 1 सप्ताह बाद 50 किलोग्राम डीएपी खाद को प्रति एकड़ के अनुसार खेत में पहली बार खाद डालना चाहिए।
धान में खरपतवार के लिए कौन सी दवा डालें , इसके बारे में हमने यहाँ पर आर्टिकल के माध्यम से आसान शब्दों में बताया है। अगर आपने इस आर्टिकल का अंत तक अवलोकन किया है तो धान में खरपतवार के लिए कौन सा दवा डालना चाहिए पता चल गया होगा। यदि बताई गई जानकारी समझ नहीं आ रहे है तो कमेंट करके पूछ सकते है।
इसी प्रकार हम आप लोगो को इस वेबसाइट में ऐसे ही नई – नई कृषि तकनीक के बारे में बताते रहेंगे ताकि आप लोगो को लाभ मिल सके। यह आर्टिकल देश के सभी किसानों के लिए महत्वपूर्ण है इसे शेयर जरूर करे। अगर आप नई कृषि तकनीक के बारे में पहले जानकारी पाना चाहते है तो गूगल के सर्च बॉक्स में www.achchikheti.com टाइप करके देख सकते है धन्यवाद।