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टमाटर में लगने वाले 3 प्रमुख रोग एवं सरल उपचार

टमाटर में लगने वाले 3 प्रमुख रोग एवं सरल उपचार : टमाटर की फसल यदि आप लेते हैं तो टमाटर की नर्सरी डालने से लेकर और फल आने तक कोई ना कोई रोग लगता ही रहता है और उसके लिए तरह-तरह के उपाय भी किए जाते हैं। यह उपाय बहुत से भाई रासायनिक तरीके से करते हैं तो बहुत से किसान भाई जैविक तरीके से करते हैं। लेकिन जब तापमान कम होता है या मौसम ठंडा हो जाता है तब वातावरण में आर्द्रता अधिक आ जाती है।

इस समय टमाटर में कुछ ऐसे रोग लग जाते हैं, जो हमारी फसल को बिल्कुल बर्बाद कर सकते हैं। फिर चाहे उसको हम गार्डन में कर रहे हो या हम व्यवसायिक तौर पर खेती कर रहे हैं। कहीं ना कहीं हमारी इन रोगों से काफी अधिक नुकसान पहुंचती है। तो दोस्तों आज हम इसी पर जानकारी देने जा रहे हैं और आपको बताने वाले है कि टमाटर में कौन कौन से रोग लगते है और उनका उपचार क्या है ?

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टमाटर में लगने वाले 3 प्रमुख रोग एवं उनका सरल उपचार

किसान भाइयों, आज हम जो बात करने वाले हैं टमाटर में लगने वाले जो ठंड के मौसम में खास तौर पर रोग लगते हैं, उनके बारे में। यह मुख्यतः तीन प्रकार के रोग हमारी फसल ज्यादा प्रभावित करते हैं –

  1. एक टमाटर के पौधे का गलना या मुरझा कर सूख जाना।
  2. दूसरा रोग जो लगता है वह पत्तियों का सिकुड़ना जिसको मोजेक रोग भी कहते है।
  3. तीसरा जो सबसे ज्यादा हमारे टमाटर के पौधे को प्रभावित करता है उसका नाम है झुलसा। ये दो प्रकार का होता है पहला – अगेती झुलसा और पिछेती झुलसा।

टमाटर में लगने वाले इन तीनों प्रमुख बीमारियों की आप रोकथाम जैविक और रासायनिक तरीके दोनों कैसे करेंगे इसकी पूरी डिटेल बताने वाले हैं।

टमाटर में गलना या मुरझा रोग का उपचार

सबसे पहला रोग टमाटर के पौधे का गलना या मुरझा करके सूख जाना यह एक बहुत खतरनाक जीवाणु के द्वारा हमारे टमाटर के पौधे में फैलता है और पूरी फसल यानी पूरे पौधे को खराब करके दूसरे पौधे में भी बहुत जल्दी फैल जाता है। इसके साथ दूसरे पौधे पर फैलकर उसको भी काफी अधिक नुकसान पहुंचाता है। यह जीवाणु के द्वारा यह रोग फैलता है और इस रोग के फैलने पर इसके लक्षण आपको स्पष्ट दिखाई पड़ जाएंगे।

इस रोग के प्रारंभिक लक्षण में पहले पत्तियां मुरझाना शुरू होते हैं, उसके बाद पत्तियां धीरे-धीरे मुड़ जाते हैं, मुड़ने के बाद पत्तियां पीली पड़ने लगते हैं और नीचे से पत्तियां चालू हो जाती है और धीरे-धीरे पौधा सूख जाता है। इसका बहुत सरल उपाय यही है कि जब भी आप के पौधे में रोग लगा दिखाई पड़े तो इसको आप निकाल कर के बाहर कर दें और कहीं पर गड्ढे में दबा दें या जलाकर दें क्योंकि इसके लिए कोई भी दवा कारगर साबित नहीं हुई है इसलिए यही सबसे अच्छा तरीका है। लेकिन यदि आप लापरवाही करते हैं अपने फसल से रोग ग्रस्त पौधों को नहीं निकालते हैं तो धीरे-धीरे ये जीवाणु अन्य पौधों को भी नुकसान पहुंचाता है। इसलिए इस रोग को देखते ही आपको सतर्क रहने की आवश्यकता होती है।

टमाटर में पत्तियों का सिकुड़ना या मोजेक रोग का उपचार

अब दूसरा रोग जो हमने शामिल किया है पत्तियों का सिकुड़ना मोजेक रोग है और यह एक वायरस के द्वारा फैलता है। तो यह एक विषाणु जनित रोग है। इस रोग के लक्षण हमको दिखाई पड़ते हैं, सबसे पहले पत्तियों पर की पत्तियां ऐठ जाते हैं और पत्तियां ऐठ जाने पर धीरे-धीरे देखेंगे की पत्तियां छोटी हो जाती हैं और इसमें काफी सारी नीचे से जो शाखा निकले होते हैं वहां से बहुत ढेर सारी शाखाएं निकलती है और फूल तो आते हैं, लेकिन फल नहीं बनते हैं और पौधा एकदम इसकी वृद्धि रोकी जाती है।

इसके साथ ही धीरे-धीरे पौधा या सूखने लगता है कमजोर होने लगता है दूसरे स्वस्थ पौधों को भी नुकसान पहुंचाता है इसलिए इसको आप सबसे अच्छा उपाय है कि इन पौधों को आप बाहर निकाल दें। लेकिन इसके रोकथाम के लिए आप कुछ उपाय भी कर सकते हैं। यदि जैविक तरीके से आप उपाय करना चाहते है तो आप नीम का तेल या विवेरिया का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे पहले आपको ट्राइकोडरमा प्रयोग कर देना से काफी अधिक फायदा मिलता है और जैविक तरीके में इस प्रकार के उपाय कर सकते हैं। इसके साथ आप रासायनिक तरीके से खेती करते तो रासायनिक तरीके में रोकथाम के लिए imidacloprid 36% मात्रा वाली 1ML मात्रा 1 लीटर पानी में मिला करके और छिड़काव कर दें। 8 दिन के बाद आप दोबारा इसका छिड़काव कर देंगे तो इस रोग पर आप नियंत्रण कर पाएंगे।

टमाटर में झुलसा रोग का उपचार

तीसरे रोग के बारे में झुलसा या अगेती रोग के उपचार के बारे में जानेंगे। दोनों रोग हमें अपने टमाटर की फसल में समय नवंबर से जनवरी तक हमको देखने को मिलते है। टमाटर के साथ-साथ आपको आलू और मेथी में भी लगे यह रोग दिखाई पड़ जाते हैं। यह रोग अधिक नमी वातावरण मात्रा में होती उस समय ज्यादा हमारे पौधों को प्रभावित करते हैं। टमाटर में दोनों प्रकार के रोग लगते हैं, आलू में भी यह दोनों प्रकार के रोग लगते हैं। लक्षण आप देखेंगे टमाटर आलू में तो आपको सामान नजर आएंगे।

तो सबसे पहले हम अगेती झुलसा के बारे में बता देते हैं। के लक्षण जो हैं आपको पतियों पर धब्बे दिखाई पड़ेंगे पत्तियों पर कालापन क्षेत्र झुलसा में दिखाई पड़ेगा और धब्बे दिखाई पड़ने के साथ-साथ गोल छल्ले से भी आपको पौधे पर दिखाई पड़ने लगते हैं या रोग जैसा कि हमने बताया कि अधिक ठंड होने पर ज्यादा अधिक हमारी फसल को नुकसान पहुंचाता है और बहुत तीव्र गति से फैलता है तो कभी-कभी 5 से 6 दिन में हमारी पूरी फसल को भी बर्बाद कर देता है

इसकी रोकथाम के लिए सबसे अच्छा उपाय यही है कि रोपाई पौध रोपाई जवाब करने जा रहे हैं तो रोपाई के पहले आप ट्राइकोडरमा 2 किलोग्राम मात्रा 50 किलो गोबर की सड़ी हुई खाद्य उसमें मिला करके और आप 1 एकड़ में डाल सकते हैं। यदि आप जैविक खेती करते हैं तो जैविक खेती के लिए बहुत अच्छा तरीका है, लेकिन यदि आप अपने गार्डन में एक दो पौधे चार पांच पौधे लगाते हैं तो उसमें आप ट्राइकोडरमा ना लें तो आप जो घर में ताम्रयुक्त छाछ होती है उसको डाल कर के और उसके बाद तीन-चार दिन के बाद आप डाल करके इंतजार कर लीजिए उसके बाद पौधे की रोपाई कर दें। और जब भी ठंडा मौसम आए तो रोग लगे या ना लगे आप ताम्रयुक्त छाछ तीन से चार दिन के अंतर पर अपने पौधे पर छिड़काव करते रहें जिससे आप झुलसा रोग पर आसानी से नियंत्रण कर पाएंगे।

रासायनिक तरीके से इसकी रोकथाम की बात की जाए तो रासायनिक तरीके में भी आप इसकी रोकथाम के लिए blitox 50% की मात्रा इसकी 15ml मात्रा 15 लीटर में डालकर के प्रयोग कर सकते हैं और दोबारा यदि आपको यह रोग दिखाई पड़ता है तो थोड़ी मात्रा बढ़ाकर के और आप फिर से छिड़काव कर दें। 8 से 10 दिन पर तो आप इस पर नियंत्रण आसानी से पा सकते हैं। लेकिन पिछेती झुलसा है तो पीछे झुलसा के लिए आपको blitox नहीं प्रयोग करना है। आपको प्रयोग करना है तो mancozeb लेकर 2 से 3 ग्राम मात्रा ले करके आपको छिड़काव कर देना नहीं होता है या ज्यादा प्रकोप आपके फसल में लगा हुआ है तो इसकी मात्रा आप बढ़ा सकते हैं ढाई से 3 ग्राम मात्रा का छिड़काव कर दीजिए। 8 दिन के अंतर दुगनी मात्रा यानि 5 ग्राम प्रति लीटर मिला करके छिड़काव कर देना है।

इस प्रकार से ऐसे उपाय के द्वारा अपने टमाटर के पौधे निकलते हैं तो इस समय में ठंड के मौसम में जो रोग लगते हैं सामान्य रूप से उन पर आप रोकथाम आसानी से कर पाएंगे और अपने टमाटर के पौधे से चाहे आप गार्डन में करते हैं या चाहे खेती करते हो अच्छी उपज ले पाएंगे। उम्मीद है आपको इस जानकारी से कुछ हेल्प जरूर मिले होंगे।

टमाटर में लगने वाले 3 प्रमुख रोग एवं सरल उपचार कैसे करें इसकी जानकारी हमारे सभी किसान भाइयों के लिए उपयोग है। इसलिए इस जानकारी को उन्हें शेयर जरूर करें। टमाटर में होने वाले इन रोग का उपचार आप कैसे करते है इसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिख सकते है। इससे टमाटर की खेती कर रहे हमारे अन्य किसान भाइयों को मदद मिलेगी। खेती किसानी सम्बंधित ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए गूगल पर achchikheti.com टाइप करके सर्च करें। धन्यवाद ! जय जवान – जय किसान !

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